आदित्य की कलम https://adityakikalam.com Wed, 23 Apr 2025 11:32:25 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8 https://adityakikalam.com/wp-content/uploads/2025/04/cropped-Capture-32x32.jpg आदित्य की कलम https://adityakikalam.com 32 32 कॉर्बेट नेशनल पार्क में चांदनी सफारी इको टूरिज्म जोन बनाने पर सुनवाई, राज्य सरकार से पूछे सवाल https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%95%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f-%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8%e0%a4%b2-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a/ https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%95%e0%a5%89%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f-%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8%e0%a4%b2-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a/#respond Wed, 23 Apr 2025 11:32:25 +0000 https://adityakikalam.com/?p=2233 नैनीताल: कॉर्बेट नेशनल पार्क के बैल पड़ाव रेंज में चांदनी सफारी इको टूरिज्म जोन बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि संबंधित विभागों से अनुमति ली है या नहीं? कोर्ट को बताएं. कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा है कि तब तक इस प्रकरण में अग्रिम निर्णय न लें.

वन विभाग ने दी ये दलील: आज सुनवाई के दौरान वन विभाग की तरफ से कहा गया कि ये अभी बनाया नहीं गया है, प्रस्तावित है. इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति नहीं ली गई है. राज्य सरकार अपने स्तर से इसे बना रही है, जो कि पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध है.

दरअसल, नैनीताल के गेबुआ, क्यारी और गजपुर छोई के निवासी मुकेश बिष्ट, देवेंद्र सिंह फर्त्याल, नवीन उपाध्याय ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि तराई पश्चिमी वन प्रभाग की ओर से बैल पड़ाव रेंज के 35 किलोमीटर एरिया को इको टूरिज्म के रूप में बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है.

कॉर्बेट नेशनल पार्क में पहले से ही खुले हैं 15 टूरिज्म जोन: अब वन प्रभाग इस क्षेत्र में चांदनी सफारी ईको टूरिज्म के नाम से नया जोन खोल रही है. जबकि, कॉर्बेट नेशनल पार्क में पहले से ही 15 ईको टूरिज्म जोन खुले हुए हैं. याचिका में विभाग पर आरोप लगाए गए हैं कि सफारी जोन खोलने से पहले क्षेत्र के ग्रामीणों से सलाह मशविरा नहीं किया गया.

जो कि भारत सरकार की गाइडलाइन और वन अधिनियम 1980 का उल्लंघन है. गाइडलाइन में कहा गया कि सफारी जोन खोलने से पहले क्षेत्र के ग्रामीणों से सलाह मशविरा किया जाना आवश्यक है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. ऐसे में जोन खोलने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है.

ग्रामीणों का कहना है कि मानवों का जंगल में आवागमन यानी दखलअंदाजी से वहां के जानवर प्रभावित होंगे. जिससे मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ेगा और पर्यावरण को भी क्षति होगी. जंगल से जानवर आबादी क्षेत्रों की ओर रुख करेंगे. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए.

सरकार कह रही ये बात: वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया कि जोन को इसलिए खोला जा रहा कि इस क्षेत्र का विकास होगा. ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, इसलिए इसका विरोध ग्रामीणों को नहीं करना चाहिए.

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कैलाश मानसरोवर यात्रा: आध्यात्म, धर्म और विज्ञान का अनोखा संगम, जानें क्यों खास है शिव का निवास स्थान https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b6-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a4%b0-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%86%e0%a4%a7/ https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b6-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a4%b0-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%86%e0%a4%a7/#respond Wed, 23 Apr 2025 11:31:02 +0000 https://adityakikalam.com/?p=2230 देहरादून: करीब पांच साल बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा इस साल 30 जून से शुरू होने जा रही है. इस बार कुल 250 भक्तों को ही यात्रा पर जाने की अनुमति मिली है. केंद्र सरकार के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा की तैयारियों में जुटी हुई है. भोलेनाथ के भक्त उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में लिपुलेख पास से होते हुए ही कैलाश मानसरोवर जाते हैं. कैलाश मानसरोवर न सिर्फ सनातनियों, बल्कि अन्य धर्मों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. आज उसी के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देते हैं.

उत्तराखंड में कैलाश मानसरोवर यात्रा की जिम्मेदारी KMNV यानी कुमाऊं मंडल विकास निगम को सौंपी गई है. साल 1981 से KMNV ही कैलाश मानसरोवर यात्रा का संचालन कर रहा है. कैलाश मानसरोवर की यात्रा दिल्ली से शुरू होती है, फिर पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख पास मार्ग से होते हुए पूरी होती है. इस बार यात्रा के लिए कुल 250 यात्री होंगे जो 50-50 यात्रियों के पांच दल बनाये गये हैं.

कैलाश मानसरोवर यात्रा की धार्मिक मान्यता: कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का घर कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ही भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं. भगवान शिव का निवास माने जाने के कारण हिंदू धर्म में इसका खास महत्व है. साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा को मोक्ष और आध्यात्मिक मुक्ति का प्रतीक भी माना जाता है. इसके साथ ही कैलाश पर्वत को ब्रह्मांड का केंद्र भी कहा जाता है.

पुराणों में भी कैलाश मानसरोवर का जिक्र: मत्स्य पुराण, स्कंद पुराण और शिव पुराण में कैलाश खंड नाम से एक-एक अलग अध्याय मौजूद हैं, जिनमें कैलाश पर्वत की महिमा का बखान किया गया है. मान्यता है कि कैलाश पर्वत से ऊपर स्वर्ग लोक और नीचे मृत्यु लोक है. यानी कैलाश पर्वत के ऊपर स्वर्ग का द्वार है.

सप्त ऋषि की गुफाएं: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए इतिहासकार प्रो एमएस गुसाईं ने बताया कि कैलाश पर्वत पर सप्त ऋषि की गुफाएं हैं. इन सप्त ऋषियों में भारद्वाज, भृगु, गौतम, अत्रि, कश्यप, विश्वामित्र और वशिष्ठ शामिल हैं. सनातन धर्म के चार वेदों में ऋग्वेद को विश्व की प्राचीनतम पुस्तक माना जाता है, जिसमें कुल 10 मंडल हैं और दूसरे से 8वें मंडल के रचयिता भी यही सप्त ऋषि थे. ऐसे में कैलाश मानसरोवर की ऐतिहासिकता उत्तर वैदिक काल तक जाती है. उत्तर वैदिक काल 1000 से 600 ई० पूर्व के मध्य तक माना जाता है.

जानिए क्यों कहा जाता है मन सरोवर:

कैलाश मानसरोवर को मन सरोवर भी कहा जाता है. मान्यता के अनुसार कैलाश मानसरोवर को ब्रह्म के मन से निर्मित माना जाता है. कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व सिर्फ सनातन संस्कृत में नहीं है, बल्कि बौद्ध और जैन धर्म में भी कैलाश मानसरोवर को काफी पवित्र स्थान और मोक्ष प्राप्ति का स्थान माना जाता है.
– प्रो एमएस गुसाईं, इतिहासकार –

बौद्ध धर्म के लिए पूजनीय स्थल: बौद्ध धर्म के लोगों के लिए ‘डेमचोक’ पूजनीय स्थल है. कहा जाता है कि गौतम बुद्ध ने कैलाश मानसरोवर में तपस्या की थी और बुद्ध की माता ने यहां की यात्रा की थी. ऐसे में इस स्थान की प्रमाणिकता बौद्ध स्रोतों के अनुसार 600 ई० पूर्व तक जाती है. इसी तरह बौद्ध संप्रदाय के लोग भी इसे अपना पवित्र स्थल मानते हैं.

जैन धर्म के संतों का भी पवित्र स्थल: इस स्थान को जैन धर्म के लोग उनके पहले तीर्थंकर ऋषभदेव का निर्वाण स्थल मानते हैं. वहीं सनातन धर्म में इस बात की मान्यता है कि द्वापर युग में महाभारत होने के बाद पांडवों ने स्वर्गारोहण यात्रा शुरू की थी. आखिर में धर्मराज युधिष्ठिर कैलाश पर्वत से स्वर्ग की सीढ़ी चढ़े थे.

साल 1981 से तत्कालीन राज्य सरकार और भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा को संचालित किया जा रहा है. पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो पौराणिक यात्रा सनातन धर्म एक अभिन्न अंग रहा है.
– प्रो एमएस गुसाईं, इतिहासकार –

ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा 1981 से शुरू हुई है, बल्कि यह यात्रा वैदिक काल से ही संचालित हो रही है. कैलाश की 52 किमी लंबी परिक्रमा करने में लगभग दो से तीन दिन का समय लग जाता है. करीब 320 वर्ग मीटर में फैली कैलाश मानसरोवर झील को मन सरोवर यानी ब्रह्मा के मन से निर्मित माना जाता है. यही वजह है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं में उत्साह रहता है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा लोगों की भावनाओं से जुड़ी हुई यात्रा है. 30 जून 2025 से कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू हो जाएगी, जिसका संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम करेगा.

कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान ही भक्तों को ओम पर्वत और नाभीढांग के भी दर्शन होंगे. इन दोनों की काफी मान्यता है. मुख्य रूप से कैलाश पर्वत एशिया के क्लाइमेट को कंट्रोल करता है, जिसे मेरुदंड माना गया है. शास्त्रों में भी इसे नाभि यानी सेंटर प्वाइंट माना गया है. इसके साथ ही इस क्षेत्र में मैग्नेटिक फोर्सेज भी काफी अधिक हैं, जो प्रभावित करते हैं. कैलाश मानसरोवर अपने आप में एक पिरामिड की तरह बना हुआ है, जो कॉस्मिक किरणों को कंसंट्रेट करता है.

– सतपाल महाराज, धर्मस्व मंत्री, उत्तराखंड सरकार –

कैलाश मानसरोवर के वैज्ञानिक पहलू: कैलाश मानसरोवर संबंधित वैज्ञानिक पहलुओं की बात करें तो, कैलाश मानसरोवर में असीमित चुंबकीय क्षेत्र का प्रवाह है, जहां पर सामान्य आदमी का रह पाना संभव नहीं है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में अलौकिक शक्तियां हैं. साथ ही वहां पर ओम की ध्वनि भी निकलती है जो लोगों को स्पष्ट रूप से सुनाई देती है. यही नहीं, वैज्ञानिक इस बात को मानते हैं कि कैलाश पर्वत ब्रह्मांड का केंद्र है, इसके एक तरफ उत्तरी ध्रुव और दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव स्थित है.

वैज्ञानिकों के अनुसार करीब 10 करोड़ साल पहले भूगर्भीय गतिविधियों के चलते कैलाश मानसरोवर पर्वत का निर्माण हुआ था. इसके साथ ही इस क्षेत्र में आज भी हिम मानव और कस्तूरी मृग मौजूद होने का दावा किया जाता है.

अब 22 दिनों में पूरी होगी यात्रा: कैलाश मानसरोवर की यात्रा पहले 28 दिन में संपन्न होती थी, लेकिन अब ये यात्रा 22 दिनों में पूरी हो जाती है. 30 जून 2025 को दिल्ली से 50 लोगों का पहला दल कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए रवाना होगा. ऐसे में 10 जुलाई को पिथौरागढ़ से दल लिपुलेख पास होते हुए चीन के कब्जे वाले तिब्बत में दाखिल होगा और 22 अगस्त को ये दल वहां से भारत के लिए वापस लौटेगा. यानी सिर्फ 22 दिनों में दल कैलाश मानसरोवर यात्रा को पूरा करेगा.

ये दल दिल्ली से रवाना होकर कर टनकपुर में रात्रि विश्राम करेगा. इसके साथ ही धारचूला में एक, गुंजी में दो रात्रि और नाभिढांग में दो रात रुकने के बाद चीन के कब्जे वाले तिब्बत में प्रवेश करेगा. चीन से वापसी में ये दल एक रात बूंदी, एक रात चौकोड़ी और एक रात अल्मोड़ा में रुकने के बाद दिल्ली पहुंचेगा.

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पहलगाम हमला: नाम के साथ तीन आतंकियों के स्केच जारी, जनता से सुराग देने की अपील https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%a8/ https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%a8/#respond Wed, 23 Apr 2025 11:29:33 +0000 https://adityakikalam.com/?p=2227 श्रीनगर: सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में शामिल तीन आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं. बैसरन के घास के मैदान में नागरिकों पर हुए घातक हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है. आतंकी हमले में शामिल संदिग्धों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में हुई है.

शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हमलावरों ने AK-47 राइफलों से लैस होकर करीब 20 मिनट तक गोलियां चलाईं, जिससे शांत पहाड़ी इलाका खौफनाक मंजर में बदल गया.

प्रारंभिक जांच से परिचित एक अधिकारी ने कहा, “वहां अफरा-तफरी मची हुई थी. गोलीबारी बंद नहीं हुई. लोग चीख रहे थे, छिपने के लिए भाग रहे थे – चारों तरफ खून-खराबा, दहशत, सब कुछ था.”

अधिकारियों का मानना ​​है कि हमले में तीन से चार आतंकवादी शामिल थे. इनमें से दो की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के रूप में हुई है और बाकी स्थानीय आतंकी हैं. सभी के बारे में कहा जाता है कि वे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और उसके प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़े हैं.

22 अप्रैल को बैसरन में हमला हुआ, जो पर्यटक शहर पहलगाम का एक हरा-भरा घास का मैदान है, जिसे अक्सर देवदार के पेड़ों से लदे ढलानों और मनोरम दृश्यों के लिए ‘मिनी-स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है. वसंत ऋतु के कारण घाटी में नई जान आने के कारण पर्यटक बड़ी संख्या में इस क्षेत्र में आए थे. लेकिन हमलावरों ने ‘मिनी-स्विट्जरलैंड’ को हत्या के मैदान में बदल दिया.

आतंकियों का स्केच जारी करने के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने जनता से भी किसी भी सुराग के लिए सहयोग की अपील की है. इस डरावनी घटना को घाटी के हाल के इतिहास में सबसे भयावह आतंकवादी हमलों में से एक बताया जा रहा है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह न केवल निर्दोष लोगों के जीवन पर हमला था, बल्कि कश्मीर में शांति की वापसी के प्रयास पर भी हमला था. यह कश्मीर के इतिहास में सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक है.” उन्होंने कहा, “हम लोगों से आग्रह करते हैं कि वे किसी भी सुराग को साझा करें और सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करें.”

इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंगलवार को आपात सुरक्षा समीक्षा बैठक हुई. उन्होंने बुधवार को पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और आश्वासन दिया कि हिंसा के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.

तलाशी अभियान तेज
इस बीच, कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और अनंतनाग तथा आसपास के जिलों में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है. हमलावरों की तलाश में ड्रोन, हेलीकॉप्टर, खोजी कुत्ते और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.

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पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के नाम, किस राज्य और जिले के थे, जानें https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%86%e0%a4%a4%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0/ https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%86%e0%a4%a4%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0/#respond Wed, 23 Apr 2025 11:27:56 +0000 https://adityakikalam.com/?p=2224 श्रीनगर: पुष्पमालाओं से लदे सफेद रंग के ये बक्से एक ऐसा दृश्य है, जो आने वाले कई सालों तक हर भारतीय को परेशान करेगा. इन बक्सों के अंदर 12 राज्यों के 26 लोगों के शव रखे हैं. ये लोग खूबसूरत कश्मीर की शांति और सुंदरता का आनंद लेना चाहते थे. आज जब वे ताबूतों में वापस भेजे जाने के लिए बेसुध पड़े हैं तो उनके परिवार गमगीन हैं और पूरा देश शोक में डूबा हुआ है.

मृतकों में एक भारतीय वायुसेना के कॉर्पोरल, एक नौसेना, आबकारी अधिकारी और कर्नाटक के एक कारोबारी शामिल हैं. ईटीवी भारत ने 26 पीड़ितों की सूची तैयार की है. इनमें महाराष्ट्र के छह पर्यटक, गुजरात, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के तीन-तीन, आंध्र प्रदेश, केरल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश के एक-एक और यहां तक ​​कि एक नेपाली नागरिक भी शामिल हैं.

मारे गए लोगों में पहलगाम का एक स्थानीय नागरिक भी शामिल है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आतंकवादियों ने एक-एक करके सभी पीड़ितों को उठाया और गोली मारी. मरने वालों में सभी पुरुष थे.

पहलगाम हमले के 26 पीड़ितों की सूची

  • हरियाणा के करनाल से विनय नरवाल (नौसेना अधिकारी)
  • केरल के कोच्चि से एन रामचंदरन
  • पश्चिम बंगाल के कोलकात से बिटैन अधिकारी
  • चंडीगढ़ से दिनेश अग्रवाल
  • जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से सैयद आदिल हुसैन शाह
  • उत्तराखंड से नीरज उधवानी
  • महाराष्ट्र के मुबंई से दिलीप देसले
  • महाराष्ट्र के ठाणे से संजय लक्ष्मण लेले
  • आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से जे एस चंद्र मौली
  • पश्चिम बंगाल के कोलकाता से समीर गुहा
  • मध्य प्रदेश के इंदौर से सुशील नैथ्याल
  • महाराष्ट्र के ठाणे से अतुल श्रीकांत मोनी
  • कर्नाटक के बेंगलुरु से भारत भूषण
  • महाराष्ट्र के मुंबई से हेमंत जोशी सुहास
  • ओडिशा के बालेश्वर से प्रशांत सतपति
  • अरुणाचल प्रदेश के जीरे से टैगे हाल्विंग (भारतीय वायु सेना कॉर्पोरल)
  • कर्नाटक के बेंगलुरु से मधुसूदन सोमीसेट्टी राव
  • गुजरात के भावनगर से यतीश परमार
  • गुजरात के भाव नगर से ही सुमित परमार
  • कर्नाटक के शिवमोग्गा से मंजू नाथ राव
  • महाराष्ट्र, पुणे से संतोष जगदाले
  • पुणे के कस्तोबे गनोवोटे
  • गुजरात के सूरत से शैलेश भाई कलाथिया
  • उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुभम देवेदी
  • पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के झालदा से मनीष रंजन (आबकारी निरीक्षक)
  • नेपाल के रूपनदेही से सुदीप नोएपानी

पहलगाम से करीब 6 किलोमीटर दूर बैसरन पर हमला
बता दें कि मंगलवार को दोपहर करीब 2 बजकर 30 मिनट पर आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के पहलगाम से करीब 6 किलोमीटर दूर बैसरन पर हमला कर दिया, जिसमें 26 लोग मारे गए. मरने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे और कई अन्य घायल हो गए. इस हमले ने कश्मीर में सामान्य स्थिति को झकझोर दिया, जिससे घाटी और शेष भारत गुस्से और दुख से भर गया.

पहलगाम पहुंचे अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कल शाम कश्मीर पहुंचे और आज पहलगाम पहुंचे. हेलिकॉप्टर से पहलगाम के लिए उड़ान भरने से पहले शाह ने टॉप सिक्योरिटी और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ श्रीनगर पुलिस नियंत्रण कक्ष में मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारी मन से पहलगाम आतंकी हमले के मृतकों को अंतिम श्रद्धांजलि दी. भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा. इस नृशंस आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.”

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यूपी में क्राइम: बुलंदशहर में 2 रुपये की माचिस के लिए हत्या, बदायूं फायरिंग में एक की मौत, शाहजहांपुर पति ने पत्नी को मारी गोली https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%af%e0%a5%82%e0%a4%aa%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%ae-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%b6%e0%a4%b9%e0%a4%b0/ https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%af%e0%a5%82%e0%a4%aa%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%ae-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%b6%e0%a4%b9%e0%a4%b0/#respond Wed, 23 Apr 2025 11:26:14 +0000 https://adityakikalam.com/?p=2221 बुलंदशहर/बदायूं /शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर कोतवाली खुर्जा नगर के कालिंदी कुंज में माचिस को लेकर कहासुनी हो गई. इसके बाद एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. दूसरा युवक गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है. मौके पर पहुंची पुलिस और फील्ड यूनिट ने जांच शुरू की.

वहीं बदायूं के सहसवान इलाके में 2 लोगों की अस्पताल चलाने के झगड़े की रंजिश को लेकर विवाद में हुई फायरिंग के दौरान रास्ते में जा रहे दूधिया की गोली लगने से मौत हो गई.

जनपद बुलंदशहर में वारदात मंगलवार रात हुई. चमन विहार कॉलोनी में देवी मां का जागरण चल रहा था. जागरण से लौटते समय 3 दोस्त अनुज, शोभित और शिवम कालिंदी कुंज पहुंचे. इसी दौरान कुछ अन्य लोग भी पहुंचे, जहां माचिस को लेकर कहासुनी हुई, बात हाथापाई तक पहुंच गई. इस झगड़े में अनुज को सिर में गंभीर चोटें आईं और उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

वहीं शोभित को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, वहां डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर किया. वारदात के बाद तीसरा युवक शिवम मौके से फरार हो गया. सूचना के बाद सीओ खुर्जा सहित स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस तलाश में जुटी है.

एसपी देहात डा. तेजवीर सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी. प्रारंभिक जांच में बात सामने आई है कि 3 युवक जागरण से लौट रहे थे, उसी दौरान माचिस को लेकर विवाद हुआ. एक युवक की मृत्यु हो गई और दूसरा घायल है. तीसरे युवक की तलाश जारी है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.

बदायूं में फायरिंग, एक की मौत: बदायूं मामले पर एसएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि वारदात बुधवार सुबह हुई. प्रमोद यादव के मकान में नर्सिंग होम चलता है. वहीं कुछ ही दूरी पर एक नर्सिंग होम अवधेश यादव का भी चलता है. आपस में इसी बात को लेकर रंजिश थी.

अवधेश और उनके परिजनों ने प्रमोद के ऊपर गोली चलाई, रास्ते में एक दूधिया जा रहा था. उसे गोली लग गई. तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है. तहरीर मिलने के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी.

शाहजहांपुर पति ने पत्नी को मारी गोली : यूपी के शाहजहांपुर में पति ने पत्नी को गोली मार दी. घटना थाना कैंट नगर पंचायत कस्बे की है. बताया जा रहा है कि नगर पंचायत अध्यक्ष मुनारा बेगम के बेटे नन्हे ने बुद्धवार दिन में 11 बजे अपनी पत्नी निगार उर्फ रीना को लाइसेंसी बंदूक से गोली मार दी. गोली महिला के पेट और हाथ में लगी.

सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल पत्नी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है. बताया जा रहा है कि मुस्लिम परिवार में पत्नी रीना बेहद मॉडर्न तरीके से रहती थी शक्की मिजाज पति नन्हे उस पर शक करता था. पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी का कहना है कि पति पत्नी में पारिवारिक विवाद था. इसके चलते पति ने बंदूक से फायर कर दिया इलाज जारी है. आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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मुरादाबाद में बाइक चलाते समय 22 साल के युवक को आया हार्ट अटैक, देखें मौत का वीडियो https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%95-%e0%a4%9a%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%87/ https://adityakikalam.com/2025/04/23/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%95-%e0%a4%9a%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%87/#respond Wed, 23 Apr 2025 11:25:10 +0000 https://adityakikalam.com/?p=2218 मुरादाबाद : यूपी के मुरादाबाद में एक व्यक्ति को बाइक चलाते चलाते अचानक हार्ट अटैक आ गया. बाइक पर युवक को छटपटाते देख आसपास के लोग आ गए लोगों ने सीपीआर भी दिया लेकिन तब तक युवक की मौत हो चुकी थी. इसका वीडियो भी सामने आया है.

21 अप्रैल को करीब 3 बजकर 32 मिनट पर युवक छंजला (22) साल, भेंड़ा वाली गली मकबारा द्वितीय कटघर का रहने वाला, छंजला अपने पिता गुलजार के साथ पीतल का कारोबार करता था. वह अपनी मोटर साइकिल से घर जा रहा था. जैसे ही बाइक सवार कटघर के पचपेड़े मोहल्ले के चाकू वाली मस्जिद के पास पहुंचा, तभी अचानक उसको हार्ट अटैक आ गया.

युवक बाइक को कंट्रोल करते करते बिजली के पोल से टिक गया और तड़पने लगा. बाइक पर युवक को तड़पता देख आसपास के लोग व राहगीर बाइक के पास पहुंचे. युवक को बाइक पर ही सीपीआर भी दिया गया लेकिन उसकी मौत हो गयी.

राहगीरों ने उसे बाइक से उतारकर साइड में लेटा दिया. छंजला को अस्पताल लेकर गए तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिवार को सूचित किया गया, परिजनों ने 21 अप्रैल को ही उसे दफन कर दिया था. 23 अप्रैल को जब घटना का वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल हुआ, तब मामले का संज्ञान लेकर परिवार से पुलिस ने पूछताछ की.

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RBI ने बंद किए 5 रुपए के सिक्के, जानें क्यों लिया गया ये बड़ा फैसला https://adityakikalam.com/2024/12/17/rbi-banned-5-rupee-coins-know-why-this-big-decision-was-taken/ https://adityakikalam.com/2024/12/17/rbi-banned-5-rupee-coins-know-why-this-big-decision-was-taken/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:42:37 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2136 नई दिल्ली: नए साल से पहले RBI ने बड़ा फैसला लिया है. देश में चल रहे नए सिक्के और नोट छापने का अधिकार RBI के पास है. जब RBI केंद्र सरकार के सामने नोट और सिक्के छापने का प्रस्ताव रखता है तो यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है. इसके बाद केंद्र सरकार RBI के वरिष्ठ अधिकारियों और अर्थशास्त्रियों की मदद से फैसला लेती है और सिक्के और नोट छापने का अधिकार RBI को दे दिया जाता है. जब किसी नोट और सिक्के को बंद करना होता है तो भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाती है.

देश में अब तक कई बार ऐसा देखने को मिला है, जब सिक्के और नोट बंद किए गए. 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे. पिछले साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 के नोट भी बंद कर दिए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसी तरह 5 रुपये के सिक्के को लेकर भी बैंक ने बड़ा फैसला लिया है.

क्या बंद हो चुके 5 रुपये के सिक्के

भारत की करेंसी में नोटों के साथ-साथ सिक्कों का भी हमेशा से इस्तेमाल होता रहा है. 100, 200 और 500 के नोटों के साथ-साथ 5, 10 और 20 के सिक्के अभी भी प्रचलन में हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि बाजार से पांच के सिक्के गायब हो रहे हैं. हम सभी ने पांच के सिक्के का इस्तेमाल किया है और देखा होगा कि यह दूसरे सिक्कों की तुलना में मोटा हुआ करता था. हालांकि, अब ये सिक्के धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं और इनकी जगह 5 रुपये के पतले सुनहरे सिक्के ने ले ली है.

अगर 5 रुपये का सिक्का 9 ग्राम से अधिक हो तो RBI उसको छापना कम या बंद कर देता है.

बाजार में अब वही पुराने सिक्के दिखाई दे रहे हैं जो घूमते रहते हैं. इसके अलावा हर जगह सुनहरे पतले सिक्के दिखाई दे रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ है और RBI ने पुराने सिक्कों को बंद क्यों कर दिया है? अगर नहीं, तो आइए आपको बताते हैं कि इसके पीछे क्या वजह है.

RBI ने पुराने सिक्कों को बंद क्यों कर दिया है?

मोटे पांच रुपये के सिक्कों को बंद करने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि इनके निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मेटल को पिघलाकर चार से पांच ब्लेड बनाए जा सकते हैं, जिनकी कीमत 5 रुपये से अधिक होती है. इस आर्थिक कारक के कारण सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने इन पांच रुपये के सिक्कों को बंद कर दिया.

एक नियम के अनुसार, अगर करेंसी की लागत उसके अंकित मूल्य से अधिक हो जाती है, तो उन सिक्कों या नोटों को प्रचलन से हटा दिया जाता है. उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति 5 रुपये के सिक्के को पिघलाकर 5 ब्लेड बनाता है, और बाद में उन्हें 2 रुपये प्रति ब्लेड (कुल 10 रुपये कमाता है) में बेचता है, तो सिक्के में धातु का आंतरिक मूल्य उसके मौद्रिक मूल्य से अधिक हो जाता है. यह इस कारण से है, अन्य कारणों के अलावा, कि RBI ने कुछ खास सिक्कों, जैसे कि मोटे पांच रुपये के सिक्के के उत्पादन को रोकने का फैसला किया.

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प्राविधिक शिक्षा विभाग में घोटाले का आरोप लगाकर धरने पर बैठीं थी पल्लवी पटेल, योगी के मंत्री आए फिर… https://adityakikalam.com/2024/12/17/pallavi-patel-was-sitting-on-strike-alleging-scam-in-technical-education-department-yogis-minister-came-again/ https://adityakikalam.com/2024/12/17/pallavi-patel-was-sitting-on-strike-alleging-scam-in-technical-education-department-yogis-minister-came-again/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:21:49 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2133 लखनऊ : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को सिराथू से सपा की बागी विधायक पल्लवी पटेल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की. उन्होंने योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कार्रवाई की मांग की. इसके बाद नियम के अनुसार सवाल न पूछने देने पर वह सदन से बाहर आकर धरने पर बैठ गईं. वह करीब 9 घंटे तक धरने पर बैठी रहीं. रात 10.30 बजे संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने उन्हें मनाया.

विधायक पल्लवी पटेल वे कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार पिछड़ों के वोट से बनी है. अब उन पिछड़ों का ही हक छीना जा रहा है. अपना दल एस कमेरावादी नेता पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक पदों पर नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाया. कहा कि वर्तमान सेवा नियमावली को ताक पर रखा गया. पुरानी नियमावली के आधार पर सीधी भर्ती न कर पदोन्नति से 250 नियुक्तियां कर दी गईं. इसके जरिए पिछड़े वर्ग का मारा गया.

इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने के साथ ही पल्लवी पटेल योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग भी कर रहीं हैं. उनका आरोप है कि वह सदन में नियम के अनुसार अपनी बात रख रहीं थीं. इस दौरान उनका माइक ही बंद कर दिया गया. इसके बाद वह बाहर आकर परिसर में ही धरने पर बैठ गईं. पुलिस भी मौके पर पहुंच गईं. तमाम नेता भी पहुंचे. उन्हें मनाने के प्रयास किए गए लेकिन वह नहीं मानी.

रात में कड़ाके की ठंड के बावजूद वह डटी रहीं. रात करीब 10.30 बजे सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना मौके पर पहुंचे. उन्होंने विधायक से बात की. इसके बाद पल्लवी पटेल धरने से उठने के लिए राजी हुईं. इसके बाद वह परिसर से निकलकर चली गईं. विधायक आज सदन में अपनी बात रख सकती हैं.

पल्लवी पटेल पिछले कई वर्षों से अपने पिता की मौत की भी सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहीं हैं. इसके लिए वह साल 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिख चुकी हैं. 23 अगस्त 2022 को अयोध्या में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी दिया था.

डॉक्टर सोनेलाल पटेल ने नवंबर 1995 में अपना दल की स्थापना की. साल 2009 में कानपुर के नवाबगंज इलाके के कंपनीबाग चौराहे के पास बेकाबू कार ने उनके वाहन में टक्कर मार दी थी. हादसे में उनकी मौत हो गई थी. सोनेलाल की बड़ी बेटी पल्लवी पटेल सिराथू से विधायक हैं. उनकी छोटी बेटी अनुप्रिया पटेल अपना दल सोनेलाल की अध्यक्ष हैं. वह मोदी सरकार में मंत्री भी हैं.

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सम्भल के बाद अब वाराणसी में पौराणिक मंदिर मिलने का दावा, स्कंद पुराण में भी जिक्र https://adityakikalam.com/2024/12/17/after-sambhal-now-there-is-a-claim-of-finding-a-mythological-temple-in-varanasi/ https://adityakikalam.com/2024/12/17/after-sambhal-now-there-is-a-claim-of-finding-a-mythological-temple-in-varanasi/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:12:09 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2130 उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल से बंद शिव मंदिर का मामला अभी चर्चा में ही है कि अब वाराणसी से भी ऐसा ही एक मिलता-जुलता मामला सामने आया है. दावा किया जा रहा है कि यहां मुस्लिम बहुल इलाके में 10 साल से एक शिव मंदिर बंद पड़ा है. इस मंदिर को खुलवाने को लेकर पुलिस प्रशासन को एक पत्र दिया गया है, जिसके बाद इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

वाराणसी के जिस मुस्लिम बहुल इलाके मदनपुरा में मंदिर होने की बात कही जा रही है, वह दशाश्वमेध थाना क्षेत्र में आता है. सोशल मीडिया पर बंद पड़े ‘मंदिर’ की तस्वीर वायरल होने के बाद सनातन रक्षक दल की तरफ से पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया गया है. इस पत्र में मंदिर को फिर से खुलवाने की मांग की गई है.

पत्र लिखकर मंदिर खुलवाने की मांग

बताया जा रहा है कि मंदिर मदनपुरा के मकान नंबर D-31 के चबूतरे के पास स्थित है. इस मंदिर पर पिछले एक दशक से ताला लटक रहा है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हुई थीं. जिसके बाद सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने पुलिस को एक पत्र लिखकर मंदिर का ताला खुलवाने की मांग की है.

मंदिर के अंदर मिट्टी भरी होने का दावा

मंदिर को लेकर पत्र मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची थी, जिसने जांच-पड़ताल के बाद पुलिस बल को तैनात कर दिया है. दावा किया जा रहा है कि यह मंदिर लगभग ढाई सौ साल पुराना है, लेकिन पिछले एक दशक से मंदिर पर ताला लगा होने के कारण वह बंद है. बताया जा रहा है कि मंदिर के अंदर मिट्टी भरी हुई है.

मालिकाना हक पता करने की कोशिश शुरू

दावा यह भी किया जा रहा है कि इस मंदिर का जिक्र काशी खंड में है. मंदिर पुष्पदंतेश्वर से दक्षिण परम सिद्धिप्रद सिद्धिश्वर का है, जिसके पास ही सिद्धतीर्थ कूप भी है. हालांकि पुलिस की अब तक की जांच में यह पता नहीं चल सका है कि मंदिर का मालिकाना हक किसके पास है और मंदिर पर ताला किसने लगाया? इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि ये ताला कब लगाया गया है.

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बहराइच में किशोर के हत्या की खौफनाक कहानी 17 टुकड़ों में शव बरामद, जानकार आपके रूह कांप जाएंगे https://adityakikalam.com/2024/12/17/the-horrifying-story-of-murder-of-teenager-in-bahraich-body-recovered-in-17-pieces/ https://adityakikalam.com/2024/12/17/the-horrifying-story-of-murder-of-teenager-in-bahraich-body-recovered-in-17-pieces/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:02:23 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2127 उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक खौफनाक घटना सामने आई है. रिसिया थाना क्षेत्र के गायत्रीपुरम निवासी 15 वर्षीय नाबालिग लड़के विक्रम की ट्रैक्टर मालिक ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर हत्या कर दी. हत्या का तरीका इतना खतरनाक था कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए. दरअसल, 9 दिसंबर को विक्रम के पिता ने अपने बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी.

शिकायत के अनुसार, विक्रम अपने मालिक संजय वर्मा के ट्रैक्टर पर ड्राइवर का काम करता था. घटना वाले दिन विक्रम खेत जुताई के लिए गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा. पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि ट्रैक्टर मालिक संजय वर्मा ने अपने सहयोगी लवकुश पाल के साथ मिलकर विक्रम की हत्या कर दी.

दिल दहला देगा हत्या का खौफनाक तरीका

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि खेत में काम करते समय विक्रम ट्रैक्टर से चोटिल हो गया था. इसके बाद संजय वर्मा और लवकुश पाल ने विक्रम को अस्पताल ले जाने के बजाय ट्रैक्टर से बार-बार कुचल कर उसकी पहचान मिटाने की कोशिश की. शव के टुकड़ों को खेत में दबा दिया गया और जूते व कपड़े तालाब में फेंक दिए.

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने यह भी बताया कि विक्रम को ट्रैक्टर से कुचलते वक्त जो कपड़े और शरीर के अंग उसमें फंस गए थे, उन्हें आरोपियों ने चार किलोमीटर दूर ले जाकर दूसरे खेत में साफ कर दिया.

पुलिस ने की कार्रवाई

जांच के दौरान पुलिस को संजय वर्मा के बयान संदिग्ध लगे. सख्ती से पूछताछ करने पर उसने पूरी घटना कबूल कर ली. पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर शव के 17 टुकड़े और अन्य सबूत बरामद किए. शव के अंगों को डीएनए जांच के लिए भेजा गया.

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने कहा, “हम इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे और आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने की हरसंभव कोशिश करेंगे. घटना के खुलासे में सीओ हर्षिता तिवारी, थानाध्यक्ष राजनाथ सिंह और अन्य पुलिस टीमों ने अहम भूमिका निभाई.”

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