उत्तर प्रदेशराज्य

BJP विधायक पर दुष्कर्म का केस: जमीन हड़पने और सामूहिक दुष्कर्म का है मामला, 10 दिनों के अंदर होगी रिपोर्ट

एमपी एमएलए कोर्ट ने बदायूं जिले की बिल्सी विधानसभा से बीजेपी विधायक हरीश शाक्य और उनके दो भाइयों समेत 16 अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सिविल लाइंस पुलिस से 10 दिन में रिपोर्ट भी मांगी है. यह आदेश विधायक और उनके साथियों पर करोड़ों रुपये की संपत्ति जबरन खरीदने की कोशिश करने, फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर संपत्ति स्वामियों को फंसाने और सामूहिक दुष्कर्म के आरोपों पर दिया है.

एमपी एमएलए कोर्ट में विधायक और उनके साथियों के खिलाफ शिकायत दाखिल करने वाला व्यक्ति बदायूं जिले का रहने वाला है. उसका आरोप है कि उसके पिता ने काफी समय पहले सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव बुधवाई में पूनम लॉन के पास कुछ जमीन खरीदी थी. उस समय बैनामा दादी और मां के नाम कराया था. बाद में दादी ने जीवित रहते वसीयत बनाकर यह जमीन पिता के नाम कर दी. जमीन की कीमत करोड़ों में है.

क्या है पूरा मामला?

शिकायत में बताया गया है कि गांव कादराबाद तहसील दातागंज निवासी स्वर्गीय नेतराम शाक्य के पुत्र हरीश शाक्य बिल्सी से विधायक चुने गए थे. विधायक के भाई सतेंद्र शाक्य और धर्मपाल शाक्य हैं. संपत्तियों पर कब्जा करने के उद्देश्य से विधायक हरीश के नेतृत्व में एक गिरोह बनाया गया है. इस गिरोह के सदस्यों ने वादी से मुलाकात कर कहा कि हरीश शाक्य यह जमीन खरीदना चाहते हैं. अगर आप इसे बेचना नहीं चाहते तो विधायक से मिलकर मना कर दें.

बताया गया कि एक लाख रुपये एडवांस दिए गए. वे विधायक से मिलने उनके आवास पर गए और बताया कि जमीन की कुल कीमत 17 करोड़ 38 लाख 40 हजार रुपये है. इसके बाद तय हुआ कि जमीन 16 करोड़ 50 लाख रुपये में खरीदी जाएगी. जमीन की कीमत का 40 प्रतिशत एग्रीमेंट के समय दिया जाएगा, जबकि बाकी पैसा सेल डीड के समय देना होगा. आरोप है कि हरीश शाक्य द्वारा तत्काल प्रभाव से एक लाख रुपये एडवांस दे दिए गए. इसके बाद एग्रीमेंट के लिए दबाव बनाया जाने लगा. फिर उत्पीड़न का सिलसिला शुरू हो गया.

जमीन दूसरे बिल्डर को बेचने नहीं दी गई

शिकायत में कहा गया है कि इकरारनामा न करने पर पुलिस ने वादी के चचेरे भाई को उठा लिया और उसे प्रताड़ित किया. इस उत्पीड़न से तंग आकर वादी के चचेरे भाई ने 5 अगस्त 2022 को आत्महत्या कर ली. पुलिस ने मामले की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की. साथ ही, जमीन में हिस्सा देने के नाम पर वादी की चाची को साथ ले जाया गया. चाची ने कोर्ट के जरिए पीड़ित और उसके पिता के खिलाफ अपने बेटे की हत्या का केस दर्ज करा दिया. इस पर उसने यह जमीन दूसरे बिल्डर को बेचने की कोशिश की, लेकिन इन लोगों ने जमीन बिकने नहीं दी.

इसमें कानूनी पेचीदगियां उलझ गईं. इसके बाद चचेरे भाई की पत्नी ने कोर्ट में गैंगरेप का केस दर्ज करा दिया. नतीजतन, जमीन नहीं बच सकी. इस बीच पुलिस ने वादी को तीन दिन तक हिरासत में रखकर मारपीट भी की. जबकि बाद में विधायक गिरोह के लोगों ने उसे हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया. इस बीच पीड़ित और उसके पिता के साथ कई अन्य समझौते आदि किए गए. इसके बाद पता चला कि आरोपियों ने पीड़ित की पत्नी के साथ भी सामूहिक दुष्कर्म किया है. अब विरोध करने पर पुराने मामले खोलकर जेल भेजने की धमकी दी जा रही है.

पुलिस को 10 दिन में रिपोर्ट सौंपने के आदेश

पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने विधायक हरीश शाक्य, उनके भाई सतेंद्र शाक्य, धर्मपाल शाक्य और उनके 13 साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इनमें कुछ पर सामूहिक दुष्कर्म, कुछ पर जमीन हड़पने और कुछ पर प्रताड़ित करने का आरोप है. कोर्ट ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. आदेश में कहा गया है कि संबंधित थाना प्रभारी 10 दिन के अंदर कार्रवाई कर कोर्ट को अवगत कराएं.

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