उत्तर प्रदेशराज्य

संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा, पत्थरबाजी के बाद इंटरनेट बंद, 3 लोगों की मौत

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को जमकर बवाल हुआ। हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई। बता दें कि कोर्ट के आदेश पर रविवार को जामा मस्जिद में सर्वे शुरू होते ही लोग उग्र हो उठे। मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ ने जमकर पथराव किया व पुलिसकर्मियों के वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

अलग-अलग ग्रुपों में पहुंचे उपद्रवियों को नियंत्रित करने में पुलिस को पसीने छूट गए और गोलियां चलानी पड़ी। पुलिस और उपद्रवियों की आमने-सामने फायरिंग में तीन लोगों की मौत हुई।

अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा बंद

उपद्रवियों के पथराव में एसडीएम, सीओ, एसपी के पीआरओ समेत 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। 20 से ज्यादा उपद्रवियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। घटना के बाद से संभल बाजार बंद है। अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह व डीआइजी मुनिराज जी संभल में ही कैंप किए हुए हैं।

कमिश्नर ने बताया कि जामा मस्जिद के बाद नखासा क्षेत्र में भी पथराव किया गया। वहां से महिलाओं सहित कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। बीते 19 नवंबर को वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु जैन ने संभल की शाही जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में पेश किया था। इस पर अदालत ने सर्वे कराए जाने का आदेश दिया था। उस दिन वीडियोग्राफी कराने के बाद टीम वापस आ गई थी।

रविवार को मस्जिद में सर्वे को पहुंची थी टीम

दूसरे चरण का सर्वे करने के लिए रविवार सुबह सात बजे एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव एवं वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन व श्री गोपाल शर्मा, केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता विष्णु शर्मा एवं जामा मस्जिद कमेटी के सदर के साथ टीम मस्जिद में पहुंची।

आसपास क्षेत्र की नाकेबंदी कर एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव डीएम व एसपी की मौजूदगी में मस्जिद की वीडियोग्राफी करा ही रहे थे कि इस बीच बाहर भीड़ जुटनी शुरू हो गई। कुछ लोगों ने जामा मस्जिद में घुसने का प्रयास किया। पुलिस फोर्स के रोकने पर हालात बेकाबू होते चले गए। करीब साढ़े आठ बजे भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया।

‘उपद्रवियों ने लगाए धार्मिक नारे’

पुलिस ने बल प्रयोग कर खदेड़ने की कोशिश की तो पथराव के साथ फायरिंग भी की जाने लगी। उपद्रवियों ने धार्मिक नारे लगाते हुए एक दरोगा की कार व दो दारोगाओं की मोटरसाइकिल समेत कई अन्य वाहनों में आग लगा दी। इसके बाद पुलिसफोर्स और भीड़ आमने-सामने आ गई। पुलिस की ओर से रबर बुलेट, आंसू गैस के गोले छोड़ने पर भी हालत काबू में नहीं आए तब पुलिस ने भी फायरिंग की। पथराव व फायरिंग में तीन युवकों की मौत हो गई। मृतकों में नईम गाजी, रुमाल खां और बिलाल अंसारी शामिल हैं।

पुलिस स्थिति नियंत्रण में जुटी रही 

हालांकि, अभी तक तीन की मृत्यु की अधिकारिक पुष्टि की गई है। जामा मस्जिद से शुरू हुआ विवाद मुस्लिम बहुल क्षेत्र नखासा तक पहुंच गया। पुलिस ने किसी तरह वहां भी स्थिति को नियंत्रित किया। फायरिंग व पथराव में बहजोई के डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू, सीओ अनुज चौधरी, संभल के प्रभारी निरीक्षक अनुज तोमर, असमोली के थानाध्याक्ष योगेश कुमार, कैलादेवी के थानाध्यक्ष राजीव मलिक, कुढ़ फतेहगढ़ के थानाध्यक्ष राधेश्याम शर्मा और पुलिस अधीक्षक के पीआरओ संजीव कुमार समेत 30 से ज्यादा अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

घटना के बाद शहर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा है कि पुलिस पत्थरबाजी करने वालों की पहचान कर रही है। आरोपितों की पहचान के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

ये है कोर्ट का आदेश

संभल की शाही जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने के दावे पर कोर्ट ने कहा है कि कोई भी आदेश पारित करने से पहले दूसरे पक्ष को भी सुना जाना जरूरी है, इसलिए भारत सरकार व अन्य दूसरे पक्षों को सुने जाने के लिए नोटिस भेजा जाए, ताकि दोनों पक्षों को सुनकर किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके।

एडवोकेट कमिश्नर अपनी मौके की रिपोर्ट अदालत में नियत तिथि को प्रस्तुत करें। मामला संवेदनशील होने के कारण उसकी वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की जाए। डीएम व एसपी मौके पर पुलिस बल उपलब्ध कराएं। (यह आदेश 19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन ने दिया है)

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