उत्तर प्रदेशराज्य

नोएडा में पत्नी ने नहीं किया नाश्ता तो पति को हुआ शक, फिर हुआ रहस्मयी खुलासा

नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) की चिकित्सक डॉ. रश्मि उपाध्याय रविवार से लगातार तीन दिन से डिजिटल अरेस्ट के दौरान डरी हुईं थीं। एंटरप्रन्योर पति ने बुधवार सुबह को नाश्ता नहीं करने का कारण पूछा और डिजिटल अरेस्ट का जिक्र किया। चिकित्सक ने इशारे से सिर हिलाकर खुद के साथ ऐसा ही होना बताया।

दंपती तत्काल मोबाइल में चलती कॉल के बीच ही कासना थाने पहुंचे और वहां से साइबर क्राइम थाने। पुलिस को आपबीती बताई। पुलिस वीपीएन कॉल होने के कारण नंबर और आईपी एड्रेस को नहीं जान पाई। साइबर थाना प्रभारी ने चिकित्सक से शिकायत लेते हुए बैंक खातों को फ्रीज कराने की कार्रवाई की।

आरोपी ने नरेश गोयल केस में नाम होने की बात कही

महिला चिकित्सक रश्मि उपाध्याय ने बताया कि रविवार सुबह करीब नौ बजे ठगों ने मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर कॉल की और बताया कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल केस में उनका भी नाम है। करीब दो घंटे तक चिकित्सक से लगातार बात की। केस संबंधी दस्तावेज और एफआईआर की कॉपी आदि भेजी।

चिकित्सक का माइंड वॉश करते हुए कहा कि अगर परिवार के किसी भी सदस्य को बताया तो उनका नाम भी जांच में शामिल हो जाएगा और पूछताछ होगी। जांच में सहयोग करने पर आपका नाम निकाल दिया जाएगा लेकिन इसके लिए गोपनीयता रखनी होगी। हर समय पुलिस की निगरानी में रहना होगा।

साढ़े 12 लाख रुपये कोच्चि के बैंक खाते में डलवाए

सोमवार सुबह को ठगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से वर्चअल तरीके से न्यायालय में सुनवाई की। चिकित्सक से उनके बैंक खाते और निवेश की जानकारी हासिल कर ली। ठगों ने चिकित्सक से शाम साढ़े चार बजे 12.50 लाख रुपये कोच्चि के एडोन कैरियर प्राइवेट लिमिटेड के खाते में डलवाए। 19 नवंबर को कोच्चि के ही मेहता इंजीनियरिंग लठ वर्क्स के खाते में 15 लाख रुपये ट्रांसफर कराए।

ठगों ने 10 लाख रुपये की और मांग की। चिकित्सक ने अपने भाई से रुपये उधार लिए और बुधवार को ठगों के बैंक खाते में डालने जाने था लेकिन पति के बात करने आगे ठगी होने से रूक गई। साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय गौतम ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट की अवस्था में दंपती थाने आए थे लेकिन ठगों ने वीपीएन से कॉल पर चिकित्सक को जोड़ा हुआ था।

सर्विलांस की मदद से मोबाइल नंबर का पता नहीं

सर्विलांस की मदद से भी मोबाइल नंबर का पता नहीं चल सका। ठगों की नंबर और लोकेशन निकलवाने के लिए कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है। उधर, चिकित्सक की शिकायत लेकर जांच कराई जा रही है। दोनों बैंक खातों की डिटेल लेकर धनराशि फ्रीज कराने की कार्रवाई की जा रही है।

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